Meghdoot shlok – 31 to 35
पूर्वमेघ की Meghdoot Shlok की कहानी में यक्ष अपनी प्रियतमा की स्मृति से शोकाकुल होकर बहुत अधीर हो गया है- यक्ष के कामातुर होने से उसे चेतन और अचेतन की सुध ना रही। यक्ष मेघ से अपनी प्रियतमा तक संदेश पहुंचाने के लिए मेघ की सुन्दरता , मेघ के गुण, आदि का बखान करता है … Read more